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Deependra kumar
Deependra kumar
की तरफ से
अधिकार मिलते नहीं लिए जाते हैं आजाद हैं
मगर गुलामी किये जाते हैं वंदन करो
उन सेनानियों को जो मौत के आँचल में जिए जाते हैं
किसी को लगता है हिन्दू खतरे में है
किसी को लगता है मुस्लमान खतरे में है
धर्म का चश्मा उतार के देखो यारों
पता चलेगा हमारा हुन्दुस्तान खतरे में है !
जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।
By:- Deependra kumar
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